सोशल मीडिया एवं मतदान व्यवहार : प्रभाव व चुनौतियाँ

Authors

  • ललित कुमार गुप्ता शोधार्थी

DOI:

https://doi.org/10.21276/IERJ255440082578

Abstract

बीते एक दशक में सोशल मीडिया भारत में राजनीतिक और सामाजिक परिदृश्य को गहराई से प्रभावित कर रहा है। विशेष रूप से 2014 के आम चुनावों के बाद, सोशल मीडिया का उपयोग राजनीतिक अभियानों, जनमानस को प्रभावित करने, और विचारधाराओं के प्रसार के लिए तीव्र गति से बढ़ा है। फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब, इंस्टाग्राम, और टेलीग्राम जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म न केवल संचार के माध्यम बने हैं, बल्कि वे मतदाताओं की सोच और चुनावी व्यवहार को भी आकार देने वाले महत्वपूर्ण उपकरण साबित हुए हैं। एवं

इस शोध का प्रमुख उद्देश्य यह समझना है कि सोशल मीडिया भारतीय राजनीति और समाज को किस प्रकार प्रभावित करता है। राजनीतिक दलों द्वारा सोशल मीडिया को किस रणनीति के तहत अपनाया गया है, इसका विश्लेषण करना भी इस शोध का अभिन्न अंग है। चुनावी अभियानों में डिजिटल प्लेटफॉर्म का प्रयोग पारंपरिक प्रचार माध्यमों की तुलना में अधिक प्रभावी सिद्ध हुआ है, क्योंकि यह मतदाताओं तक सीधा संवाद स्थापित करने का एक सशक्त माध्यम बन चुका है।

भारत में 2014 से लेकर अब तक सोशल मीडिया के उपयोग में लगातार वृद्धि हुई है। फेसबुक और ट्विटर जैसे प्लेटफॉर्म चुनावी रणनीतियों का केंद्र बन गए हैं। राजनीतिक दलों ने डेटा एनालिटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का सहारा लेकर मतदाताओं के व्यवहार को समझने और उनके विचारों को प्रभावित करने की कोशिश की है। सोशल मीडिया पर वायरल होने वाले संदेश और ट्रेंड किसी भी राजनीतिक दल की छवि को बना या बिगाड़ सकते हैं। इसी कारण सोशल मीडिया अब केवल एक संचार माध्यम न होकर एक शक्तिशाली राजनीतिक हथियार बन चुका है।

सामाजिक दृष्टि से देखा जाए तो सोशल मीडिया का प्रभाव व्यापक और गहरा है। यह जागरूकता बढ़ाने, राजनीतिक बहस को बढ़ावा देने और नागरिक भागीदारी को प्रोत्साहित करने में मदद करता है। कई सामाजिक आंदोलन, जैसे अन्ना आंदोलन भ्रष्टाचार, लोकपाल के लिए उठा, #MeToo, नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) विरोध प्रदर्शन, और किसान आंदोलन, सोशल मीडिया की बदौलत व्यापक समर्थन हासिल कर सके। हालांकि, इसके नकारात्मक पहलू भी स्पष्ट रूप से सामने आए हैं। फेक न्यूज़ और गलत सूचना के बढ़ते प्रसार ने समाज में ध्रुवीकरण को बढ़ावा दिया है। सोशल मीडिया के माध्यम से फैलाई जाने वाली गलत जानकारी लोगों की धारणाओं को प्रभावित कर चुनावी निर्णयों को प्रभावित कर सकती है।

इसके अतिरिक्त, सोशल मीडिया का अत्यधिक उपयोग मानसिक स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है। राजनीतिक प्रचार और सूचना की अधिकता से लोगों में तनाव और आक्रोश बढ़ता है। इसके अलावा, सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने वाले उपयोगकर्ताओं की निजता और डेटा सुरक्षा से जुड़े खतरे भी महत्वपूर्ण मुद्दे हैं।

भविष्य में सोशल मीडिया का प्रभाव और भी गहरा होने की संभावना है। डिजिटल इंडिया अभियान, इंटरनेट की बढ़ती पहुँच, और स्मार्टफोन की सुलभता के कारण सोशल मीडिया का उपयोग और व्यापक होगा। सरकार और तकनीकी कंपनियों के लिए यह आवश्यक हो जाएगा कि वे इस माध्यम के दुरुपयोग को रोकने और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की निष्पक्षता बनाए रखने के लिए ठोस कदम उठाएँ।

कुल मिलाकर, सोशल मीडिया भारतीय राजनीति और समाज का एक अभिन्न अंग बन चुका है। इसका विवेकपूर्ण उपयोग लोकतंत्र को मजबूत कर सकता है, जबकि इसका दुरुपयोग लोकतांत्रिक मूल्यों को कमजोर कर सकता है। इस शोध के माध्यम से सोशल मीडिया के बहुआयामी प्रभावों का विश्लेषण किया जाएगा, जिससे यह समझने में सहायता मिलेगी कि डिजिटल युग में भारतीय लोकतंत्र और समाज किस दिशा में अग्रसर हो रहा है।

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Published

15-04-2025

How to Cite

ललित कुमार गुप्ता. (2025). सोशल मीडिया एवं मतदान व्यवहार : प्रभाव व चुनौतियाँ. International Education and Research Journal (IERJ), 11(04). https://doi.org/10.21276/IERJ255440082578