उच्च माध्यमिक स्तर की शिक्षा में ऑनलाईन शिक्षण एक विकल्प
DOI:
https://doi.org/10.21276/IERJ258945447161Keywords:
ऑनलाइन शिक्षा, एसिन्क्रोनस लर्निग, सिन्क्रोनस लर्निग, प्रभावकारिता, नजरिया एवं दृष्टिकोण, ई-संसाधनोAbstract
वर्तमान डिजिटल युग में, ऑनलाइन शिक्षा उच्च माध्यमिक स्तर की शिक्षा के लिए एक प्रभावी विकल्प बनती जा रही है। प्रौद्योगिकी और इंटरनेट की उपलब्धता ने शिक्षा प्रणाली में क्रांतिकारी बदलाव लाए हैं, जिससे छात्रों और शिक्षकों को नई शिक्षण विधियों और संसाधनों का लाभ मिल रहा है। ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से छात्रों को अपनी गति और सुविधा के अनुसार सीखने का अवसर मिलता है, जिससे सीखने की प्रभावशीलता बढ़ती है।
हालांकि, ऑनलाइन शिक्षा के व्यापक रूप से अपनाने में कई चुनौतियाँ भी हैं। इनमें उचित बुनियादी ढांचे की कमी, डिजिटल संसाधनों तक सीमित पहुँच, शिक्षकों के लिए आवश्यक प्रशिक्षण की अनुपलब्धता, और आर्थिक व तकनीकी असमानता शामिल हैं। भारत सरकार की नई शिक्षा नीति 2020 (छम्च् 2020) ने डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की हैं, जिनमें आईसीटी (सूचना और संचार प्रौद्योगिकी) लैब की स्थापना और शिक्षकों को डिजिटल टूल्स में प्रशिक्षित करना शामिल है।
शोध से पता चलता है कि ऑनलाइन शिक्षा पारंपरिक कक्षाओं के लिए एक पूरक के रूप में कारगर हो सकती है, लेकिन इसे पूरी तरह से पारंपरिक शिक्षा का प्रतिस्थापन नहीं बनाया जा सकता। ऑनलाइन शिक्षण में इंटरएक्टिव लर्निंग मॉडल जैसे कि सिंक्रोनस और एसिंक्रोनस लर्निंग, वर्चुअल क्लासरूम, ई-लाइब्रेरी और डिजिटल लर्निंग प्लेटफार्म का उपयोग किया जा सकता है। इससे छात्रों को व्यक्तिगत रूप से सीखने का अवसर मिलता है और उनकी शैक्षिक आवश्यकताओं के अनुसार सामग्री उपलब्ध होती है।
शोध पत्र यह निष्कर्ष निकालता है कि ऑनलाइन शिक्षा को प्रभावी बनाने के लिए शिक्षकों को डिजिटल कौशल में प्रशिक्षित करना, छात्रों को आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराना, और सरकार द्वारा बुनियादी ढांचे में निवेश करना आवश्यक है। इसके साथ ही, ऑनलाइन शिक्षा को समावेशी और सुलभ बनाने के लिए भाषा और क्षेत्रीय आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए विभिन्न नीतियाँ बनाई जानी चाहिए।
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