“स्वामी विवेकानन्द का दर्शन तत्व मीमांसा के सन्दर्भ में“

Authors

  • डॉ. दीप्ति सजवान एस बी कॉलेज ऑॅफ एजुकेशन, विकासनगर देहरादून, उत्तराखण्ड

Keywords:

वेदान्त, तत्व मीमांसा, ईश्वर, आत्मा, मनुष्य, समाज, धर्म, विश्व, माया, प्रकृति, मोक्ष

Abstract

यह सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड आश्चर्यों से युक्त है इस संसार में ईश्वर ने अनेक प्रकार की अद्भुत वस्तुओं का निर्माण कर मनुष्ष्यों को इसके रहस्य को जानने, देखने व परखने हेतु जिज्ञासु बना दिया है। इस ब्रह्माण्ड की सर्वाधिक आश्चर्यजनक बात यह है कि इस धरा में जन्म लेने वाले समस्त प्राणी, विचार व दर्शन के सन्दर्भ में अनेकता लिये हुये हैं। इस अनेकता में कुछ ऐसे दिव्य प्राणी भी जन्म लेते हैं जो परहित के लिये अवतरित होते हैं तथा सृष्टि के गूढ़ रहस्यों को जानकर समाज को उन्नत बनाने हेतु उन्हें समर्पित कर अपने को धन्य करते हैं। उनसे भी अधिक भाग्यशाली वे हैं जो ऐसी पूर्ण आत्माओं के विचारों तथा दृष्टिकोणों को हृदयगंम कर उनकी धारा में बहते हैं। ऐसे ही एक दिव्य आत्मा स्वामी विवेकानन्द थे जो हमारी पुण्य भारत भूमि की गोद में पले-बड़े और विश्व को अपने आध्यात्मिक दर्शन तथा वेदान्त दर्शन के माध्यम से तत्व ज्ञान से परिचित करवाया। अद्वैत वेदांत को यर्थाथ और समयानुकूल रूप से प्रस्तुत करने वालो में आधुनिक युग में स्वामी विवेकानन्द का नााम मुख्यतः उल्ल्ेाखनीय है।

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Published

20-11-2023

How to Cite

डॉ. दीप्ति सजवान. (2023). “स्वामी विवेकानन्द का दर्शन तत्व मीमांसा के सन्दर्भ में“. International Education and Research Journal (IERJ), 9(11). Retrieved from https://ierj.in/journal/index.php/ierj/article/view/3149