राजनांदगांव जिले में मनरेगा की भूमिका का अध्ययन (महिला आर्थिक सशक्तिकरण के विशेष परिपेक्ष्य में )

Authors

  • डॉ. के पदमावती सहायक प्रध्यापक अर्थशास्त्र, शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशाषि महाविद्यालय, दुर्ग (छ. ग.)
  • मंजु शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशाषि महाविद्यालय, दुर्ग (छ. ग.)

Keywords:

मनरेगा योजना, महिला आर्थिक सशक्तिकरण, अधिनियम

Abstract

केन्द्र सरकार ने पाँच करोड़ परिवारों को लाभान्वित करने के उद्ेश्य से मनरेगा श्रमिकों के मजदूरी दर में वृध्दि की घोषणा की गयी हैं जिससे प्रतिदिन प्रति व्यकि अर्जित आय को 182 रूपये से बढ़ाकर 202 रूपये कर दिया गया हैं। स्थानीय जिला आयुक्तों को काम आंवटित करने औंर तदनुसार निधि का उपयोग करने के लिए अधिकार दिया गया है जो ग्रामीण महिला श्रमिकों को लाभान्वित करने के लिए उनके क्षेत्र मंे आपेक्षित आवश्यकताओं पर निर्भर करता हैं।

यह योजना भारत में सभी राज्यों औंर केन्द्र शासित प्रदेशों में संचालित हैं। प्रत्येक राज्य में जिले हैं, फिर जिलो के भीतर ब्लॉक औंर ब्लॉको के भीतर वार्ड हैं इस योजना के तहत ब्लॉक में सार्वजनिक कार्य से संबंधित रोजगार दिया जाता हैं। एवं धनराशि केन्द्र सरकार द्वारा राज्यों को जारी की जाती हैं। राज्य फिर स्थानीय निकायो यानी ग्राम पंचायतो को धन देते हैं जिससे सभी मजदूरो के खाते ग्राम पंचायतो से पंजीकृत होते हैैं।

References

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महात्मा गाँधीराष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम, 2005,

मिश्र. डॉ. जगन्नाथ. (1998). भारतीय आर्थिक विकास की नई प्रकृतियाँ. विकास पब्लिकेशन हाऊस, दिल्ली,

छत्तीसगढ़ जनसंख्या रिपोर्ट 2011

जिला पंचायत, राजनांदगांव

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Published

15-09-2023

How to Cite

डॉ. के पदमावती, & मंजु. (2023). राजनांदगांव जिले में मनरेगा की भूमिका का अध्ययन (महिला आर्थिक सशक्तिकरण के विशेष परिपेक्ष्य में ). International Education and Research Journal (IERJ), 9(9). Retrieved from https://ierj.in/journal/index.php/ierj/article/view/2997